कनाडाई PM के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे।
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अमेरिका में क्यों जान गंवा रहे भारतीय छात्र?
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क्या आरक्षण को समाप्त कर सकती है सरकार?
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अफ़ग़ानिस्तान में हुए बड़े बदलाव को सभी ने देख लिया है। काबुल में तालिबान द्वारा कब्जे के बाद हर दिन बर्बरता की खबरे ही सामने आ रही हैं। दोष अमेरिका के ऊपर भी लगा कि अफ़ग़ानिस्तान को आतंक के दलदल में छोड़ अमेरिका भाग गया। सही मायने में देखा जाए ...
ट्विटर अब खुलेआम तालिबान के साथ गलबहियाँ करता दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट के अनुसार ट्विटर ने तालिबान के अवैध अधिग्रहण के बाद अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह से संबंधित सभी ट्विटर अकाउंट को निलंबित कर दिया। जबकि अब भी तालिबानी प्रवक्ता का ट्विटर अकाउंट सक्रिय है। इससे न ...
भागना आसान है, निभाना कठिन है। अफ़ग़ानिस्तान को पूरी दुनिया द्वारा अकेले छोड़ देने बीच अच्छी खबर यह है कि वहां अभी भी एक इंसान है, जो अभी भी इस क्रूर तानाशाह तालिबान से लड़ने की हिम्मत रखता है। उस व्यक्ति का नाम है अमरुल्लाह सालेह, वह अफ़ग़ानिस्तान के उपराष्ट्रपति है ...
अफगानिस्तान और तालिबान की लड़ाई में पाकिस्तान ने कबाब में हड्डी बनकर वही भूल की है, जो 1971 में उसने अपनी इच्छा बांग्लादेश के निवासियों पर जबरदस्ती थोपकर की थी। जबसे अफगानिस्तान के राजनयिक की बेटी का पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों द्वारा अपहरण और यातना की खबर सामने आई है, ...
अफ़ग़ानिस्तान आज दुनिया में सबसे अलग खड़ा है। आज जब दुनिया के देश जिम्मेदारी के नाम पर निंदा कर रहे हैं तब अफ़ग़ानिस्तान अकेले खड़े होकर मदद का इंतजार कर रहा है। मानवाधिकार के नाम पर गाल बजाने वाले अमेरिका और यूरोप अफगान संकट पर चुप हैं। खैर, कोई राष्ट्र अपने ...
मुख्य बिंदु भारत में राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले Twitter ने मतदाताओं को प्रशिक्षित करने के लिए कई पहल किये शुरू Twitter ने भारत के चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ मिलकर एक 'सर्च प्रॉम्प्ट' प्रोग्राम शुरू किया Twitter ने अमेरिकी चुनाव में 'हस्तक्षेप' कर 'पूरी तरह ...
वो कहते हैं न, शासन स्थापित करना एक बात है, उसे संभालना और संचालित दूसरी बात है। ये बात अफगानिस्तान में भी सिद्ध हो रही है। पाकिस्तान के सहयोग से आतंकी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण तो स्थापित कर लिया, परंतु वास्तव में वह कितने योग्य हैं, इसे सिद्ध ...
अगर आपको लगता है कि काबुल पर तालिबान के कब्ज़े के बाद अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता के लिए जारी संघर्ष में कोई कमी आएगी, तो आप एक बहुत बड़ी गलतफहमी में जी रहे हैं। अफ़ग़ानिस्तान में संघर्ष तो अब शुरू हुआ है। अमेरिका की घर-वापसी के बाद अब अफ़ग़ानिस्तान रूस और ...
अमेरिका के अफगानिस्तान से भागने के बाद अब तालिबान अपने विरोधियों को मारने के साथ अफगानिस्तान में लोगों का जीवन नर्क बना रहा है। तालिबान अपनी सरकार के गठन की तैयारी कर रहा है, लेकिन उसके गले की हड्डी पंजशीर बना हुआ है। अहमद मसूद एवं राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के ...
उत्तर भारत में एक कहावत है, आ बैल मुझे मार। मतलब खुद मुसीबत को निमंत्रण देना। इस समस्या का वैश्विक पटल पर तालिबान और पाकिस्तान जो कर रहे है, वो इसी का उदाहरण है। अब तो ऐसा लगता है कि तालिबान बहुत पहले ही अफ़ग़ानिस्तान से खत्म हो जाएगा क्योंकि ...
यह तय हो चुका है कि अफ़ग़ानिस्तान पूर्णतः तालिबान के कब्जे में जा चुका है। पंजशीर के अतिरिक्त कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जो तालिबानी आधिपत्य का विरोध कर सके। ऐसे में भारत सरकार ने तालिबान से पहली बार आधिकारिक रूप से कोई बातचीत की है। देखा जाए तो ...
इन दिनों सम्पूर्ण एशिया की राजनीति ने एक रोमांचक मोड़ ले लिया है। एक ओर तालिबान ने पाकिस्तान की सहायता और अमेरिकी प्रशासन की अकर्मण्यता की कृपा से पुनः सत्ता पर आधिपत्य प्राप्त किया है। इस अवसर को ताजिकिस्तान ने दोनों हाथों से पकड़ा है और वह न केवल तालिबान ...